प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने बाद जहां पाकिस्तान और चीन की सीमा पर रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे का तेजी से निर्माण हुआ है, वहीं सीमा पर होने वाली हर हरकत पर नजर रखने के लिए तैयारी भी की गई है। पाकिस्तानी आतंकियों और चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने के लिए सेना के साथ साथ आधुनिक तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। सीमा को अभेद बनाने के इस प्रयास में इजरायल भारत की खुल कर मदद कर रहा है। आज भारतीय सेना इजरायल के कई मानवरहित एरियल वीकल (UAV) से सीमा पर दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रख रही है।
इजरायल से मिले हेरॉन एमके ड्रोन ने भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) हो या भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) हो, सीमा के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने में समर्थ बनाया है। पहले यह काफी मुश्किल होता था। लेकिन इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने भारत की रक्षा जरूरतों को देखते हुए सेना और वायुसेना के लिए खास तरह की टेक्नोलॉजी का विकास किया है। इसके अलावा भविष्य की जरूरतों को देखते हुए भी तैयारी कर रहा है। इजरायल से मिले हेरॉन एमके- II ड्रोन को लेह में तैनात किया जा रहा है। यह अत्याधुनिक मानवरहित एरियल वीकल (UAV) है। भारतीय सेना ने इसकी चार यूनिट का ऑर्डर दिया है।
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