अपनी विरासत और धरोहर का संरक्षण हम सभी का दायित्व है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम इसे नई पीढ़ी तक पहुचाएं। सोने की चिड़िया कहा जाने वाला हमारा देश हमारी सभ्यता, संस्कृति और धरोहरों के कारण ही विख्यात है। इसमें विश्व की संस्कृति को समाहित करने की क्षमता है। देश में प्राचीन मंदिरों को सहेजने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद ने कहा कि एक सच्चा पुरातत्वेता और इतिहासकार वही है, जो टुकड़ों को जोड़ दे। उन्होंने कहा कि हमारे धरोहर ही हमारी संस्कृति, संस्कार की पहचान हैं। यह सभ्य समाज का दायित्व है कि वह अपने धरोहरों की रक्षा करने के लिए हर संभव प्रयास करे। राम मंदिर के इतिहास के प्रमाण की खोज करने वाले पुरातत्विद (आर्कियोलॉजिस्ट) के. के. मोहम्मद ने कहा है कि दिल्ली स्थित कुतुब मीनार के पास कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद का निर्माण 27 मंदिरों को तोड़कर किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार के पास भी कई मंदिरों के अवशेष मिले हैं। जिसमें गणेश मंदिर आसपास है। इससे सिद्ध होता है कि वहां गणेश मंदिर थे और उनकी स्थापना की भी नियम अनुसार सरकार तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि बाबरी की तरह देश में अभी कई मुद्दे हैं और अगर सभी पक्षों ने इसका हल नहीं निकाला तो ये बड़ी समस्या बन जाएंगी। उन्होंने कहा कि देश में कई मंदिर हैं, जिन्हें तोड़कर मस्जिद बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश में धर्मनिरपेक्षता इसीलिए बनी हुई है क्योंकि यहां हिंदुओं संख्या ज्यादा है।
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