दिल्ली में प्रदूषण से लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रदूषण हमारी जिंदगी पर कितना असर डाल रहा है, इस पर कुछ समय पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया है कि प्रदूषण का बढ़ता लेवल हर दिल्ली वाले की जिंदगी 10 साल कम कर रहा है। लेकिन सात से अधिक वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाए हैं। जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तब वह साल दर साल दिल्ली में प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहरा कर पल्ला झाड़ लेते थे। पंजाब में AAP की सरकार बनने के पहले दिल्ली प्रदूषण के लिए पंजाब की पराली जिम्मेदार थी, तब केजरीवाल को पराली से सोना, कोयला, बिजली, गत्ता फैक्टरी सब बनाने आता था। जब पंजाब में उनकी सरकार नहीं थी तब उन्होंने पराली के निपटान के कई समाधान पेश किए थे। लेकिन अब जब सरकार उन्हीं की है तो उन समाधान पर काम क्यों नहीं हो रहा है। कल तक दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराने वाले केजरीवाल के सुर अब बदल गए हैं। अब वह फिर वही बात दोहरा रहे हैं कि केंद्र सरकार को इसका समाधान निकालना चाहिए। इसी तरह पंजाब चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि पंजाब में पानी की किल्लत है और उनकी सरकार आई तो 24 घंटे पानी उपलब्ध कराएंगे। लेकिन जब सरकार बने कई महीने बीत गए तो पानी मुद्दा फिर उठा तो उन्होंने कह दिया कि केंद्र सरकार को इसका समाधान निकलना चाहिए। इससे यह साफ हो जाता है कि केजरीवाल को काम करना नहीं आता, केवल वादे करना आता है।
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