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उद्धव ठाकरे के पास बेहिसाब संपत्ति, हाईकोर्ट में याचिका दायर, सीबीआई व ईडी से जांच की मांग

बाला साहब ठाकरे का अखबार छापने वाले एक परिवार ने 19 अक्टूबर, 2022 को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। दायर याचिका में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि और दो बेटों आदित्य और तेजस की संपत्ति की सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की गई है। इस याचिका में आरोप लगाया है कि ठाकरे परिवार के पास बेहिसाब संपत्ति हैं। याचिकाकर्ता गौरी भिड़े ने अदालत से मांग की है कि उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के पास आय से अधिक संपत्ति है और इसकी जांच सीबीआई और ईडी से करवाई जानी चाहिए। याचिका में उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि और दो बेटों आदित्य और तेजस की संपत्ति का भी ज़िक्र किया गया है। याचिका में यह सवाल भी उठाया गया है कि उद्धव ठाकरे, रश्मि ठाकरे और आदित्य ठाकरे आखिर क्या करते हैं यह कभी स्पष्ट ही नहीं हुआ है। ऐसे में यह बात भी जनता के सामने आनी चाहिए।यह याचिका गौरी भिड़े और उनके पिता अभय भिड़े ने दायर किया है। इनके परिवार ने आपातकाल के दौरान शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के साप्ताहिक को कुछ समय के लिए प्रकाशित किया था। भिड़े कई वर्षों से सैनिकों के गढ़ दादर के निवासी हैं। उनकी याचिका महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाले सिडको द्वारा ट्रस्ट प्रबोधन प्रकाशन (सामना अखबार के मालिक और प्रकाशक) के लिए दिए गए भूखंडों के बारे में सवाल उठाती है। याचिका में कहा गया कि ट्रस्ट की हिस्सेदारी बदल दी गई और अंततः ठाकरे के स्वामित्व में आ गई। इसमें कहा गया कि COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, ठाकरे की कंपनी प्रबोधन प्रकाशन प्रा. लिमिटेड ने 42 करोड़ रुपये के कारोबार और 11.5 करोड़ रुपये के लाभ का शानदार प्रदर्शन दिखाया। याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि यह काले धन को सफेद करने का स्पष्ट मामला है। बीएमसी और अन्य स्रोतों से इकट्ठा किए गए बेहिसाब धन को उपरोक्त कंपनी के खातों में बेईमानी से पचाया गया और लाभ के काल्पनिक आंकड़े दिखाए गए। यह सिर्फ अनुमान या निराधार आरोप नहीं है। इन कंपनियों के खातों के विवरण स्पष्ट रूप से तथ्य प्रकट करेंगे।