सूप बोले तो बोले, छन्नी भी बोले जिसमें 72 छेद’, ममता बनर्जी की हालत मौजूदा समय में कुछ ऐसी ही है। ममता बनर्जी जब टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में की गई अपनी उपलब्धियां गिनाती हैं तो वास्तव में हंसी ही आती है। जहां जीवित व्यक्ति सुरक्षित नहीं, जहां आए दिन दंगे देखने को मिलते हैं, जहां भ्रष्टाचार के आरेप में कई मंत्री नप चुके हैं, उस राज्य की सीएम ममता बनर्जी जब राज्य की उन्नति के लिए किए गए अपने कार्यों को बताती है तो संशय होना स्वाभाविक है।
अब मज़ाक की श्रृंखला में बड़बोली ममता बनर्जी ने ऐसा दावा कर दिया है जिसे सच साबित करते करते टीएमसी की सात पुश्तें निकल जाएंगी पर साबित नहीं कर पाएंगी। ममता का नया दावा है कि उन्होंने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में राज्य को 500 आईआईटी दिए हैं।दरअसल, सोमवार (5 सितंबर) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में 500 आईआईटी और पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाने का दावा करने के बाद विवाद खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कोलकाता में बिस्वा बांग्ला मेला प्रांगण में शिक्षक दिवस के अवसर पर यह दावा कर सबको चौंका दिया कि पश्चिम बंगाल में ममता ने 500 आईआईटी बनवा दिए और किसी को पता भी नहीं चला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 45 मिनट बीतने के बाद ममता ने कहा, “हम एक काम करने में सक्षम हैं – कौशल विकास। हम इसमें नंबर वन हैं।” आगे ज्ञान की गंगा को चहुंओर से बहाते हुए ममता ने कहा, “मैंने लगभग 500 IIT और पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाए हैं।”बस यही पर मैडम फंस गईं। आंकडों की बात करें तो अभी देश में IIT का आंकड़ा 50 पार नहीं हुआ है।
मसलन अभी देश में मात्र 23 आईआईटी हैं और उनमें एक आईआईटी कोलकाता के खड़गपुर में है जिसे आईआईटी खड़गपुर के नाम से जाना जाता है। ऐसे में अपने आपको महाज्ञाता सिद्ध करने के चक्कर में इस बार ममता बनर्जी की यह भूल उन्हें बहुत बड़ी सीख देकर गई है। पहली यह कि बड़बोलेपन में स्वयं को हंसी का पात्र बनाने से ज्यादा हितकर होता है अज्ञानी बनकर शांत रहना। दूसरी और विशेष सीख यह कि झूठ के पांव नहीं होते इसलिए वो ज़्यादा देर नहीं चल सकता।
बता दें, हवा-हवाई दावों में चल रही ममता बनर्जी की भ्रष्ट सरकार में पश्चिम बंगाल में शिक्षा और शिक्षण संस्थानों की जो दुर्गति हुई है वो किसी से छिपी नहीं है। हवा-हवाई दावों का क्या है! एक मंच, एक माइक और सामने मीडिया हो, सारे दावे असल लगने लगें ऐसा भाषण देना होता है। पहली बात तो ममता बनर्जी आईआईटी की बात करें ही न, वो कहना आईटीआई चाह रही थीं पर जैसे राष्ट्रीय नेता बनने के सपने पाल रही हैं तो उन्हें केंद्र सरकार के अधीन आने वाले आला दर्ज़े के आईआईटी ही याद रहें क्योंकि ममता सरकार के अधीन आने वाले आईटीआई याद किए जाएं ऐसी स्थिति 11 वर्ष में ममता ने बनाई ही नहीं है। अब अगर ममता की यह बात भी मान ली जाए कि वो आईआईटी नहीं आईटीआई की बात कर रही थीं तो भी उनके ज़ुबानी आंकडे और सरकारी आधिकारिक आंकडे एक दूसरे से जुदा ही पाए जायेंगे।ज्ञात हो कि वायरल वीडियो में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया, “मैंने लगभग 500 IIT और पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाए हैं।” अब इसमें कितनी सच्चाई है वो इससे प्रमाणित होता है कि अभी आज की स्थिति में पश्चिम बंगाल सरकार के तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग के अनुसार, राज्य में केवल 75 सरकारी पॉलिटेक्निक हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में कुल औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की संख्या 46 है। कुल मिलाकर, राज्य में 121 आईटीआई और सरकारी पॉलिटेक्निक हैं, जिनमें से अधिकांश 2011 में ममता बनर्जी के सत्ता में आने से पहले मौजूद थे।
अब या तो ममता बनर्जी का बयान सच माना जाए या सरकारी आधिकारिक आंकडों को। जिस प्रकार ममता बनर्जी राज्य की जनता के विकास नहीं विनाश की नींव रखती आ रही हैं, जिस प्रकार आए दिन ममता बनर्जी के मंत्री और टीएमसी नेता भ्रष्टाचार में जेल जा रहे हैं, ऐसे में उनसे राज्य के विकास की अपेक्षाएं वैसी ही है जैसे आटा को लीटर में मापने वाली बात। आज पश्चिम बंगाल विकास से इतनी दूर खड़ा है जहां न जनता का तार जाएगा और न ही टेलीग्राम। राज्य में विकास हुआ है तो मात्र ममता एंड कंपनी का। कुछ इस प्रकार ममता बनर्जी ने अपने शिगूफों और दावों से राज्य की सूरत और सीरत बदलकर रख दी और जनता सन्न बैठी रह गई!
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