ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे संपन्न होने के उपरांत लोगों के जेहन में इस बात को लेकर आतुरता का सैलाब अपने उफान पर था कि न्यायलय में सर्वे रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट की तरफ से क्या टिप्पणी की जाती है, लेकिन अब इस संदर्भ में आई विशेष जानकारी से अवगत होने के बाद आपके जेहन में उठ रहे तमाम सवालात सिरे उठने से पहले ही दम तोड़ देंगे। अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के उपरांत सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी कौन-सी जानकारी सार्वजनिक हई है, जिससे अवगत होने के उपरांत हमारे सारे सवाल थम जाएंगे।
तो आपको बताते चलें कि अभी जानकारी आई है कि आज कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल नहीं की जाएगी। बता दें कि अधिवक्ता विशेष आयुक्त विशाल कुमार ने खुद कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की है कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के संदर्भ में रिपोर्ट तैयार करने हेतु दो दिन का अतिरिक्त समय दिया जाए। वहीं, वाराणसी कोर्ट में उक्त मसले को लेकर सुनवाई संपन्न की जा चुकी है। इस संदर्भ में शाम चार बजे फैसला आएगा। ऐसे में कोर्ट का फैसला कैसा रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
लिहाजा अब माना जा रहा है कि दो दिन के बाद कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इसके बाद देखना होगा कि कोर्ट की तरफ से क्या कुछ टिप्पणी की जाती है। वहीं, उक्त प्रकरण में अधिवक्ता विशाल की ओर से आरोप लगाया गया है कि अजय कुमार मिश्रा और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह कमीशन की कार्यवाही में कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने नियत तिथि तक रिपोर्ट दाखिल करने में असमर्थता जताई है। विदित है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा के लिए अधिवक्ता विशाल
कुमार और अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया गया था, लेकिन अब इन पर अपेक्षित सहयोग न करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि दो दिनी कमीशन की कार्यवाही संपन्न की जा चुकी हैं। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आपको बताते चलें कि विगत सोमवार को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के उपरांत उस जगह को सील करने का निर्देश दिया है। मौजूदा वक्त में वहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती है।
20 से अधिक लोगों के नमाज पढ़ने पर रोक लगाई गई है। बता दें कि बीते दिनों कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दाखिल हुई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वे के निर्देश दिए गए थे। तीन दिनी सर्वे में कई ऐसे साक्ष्य सामने आए हैं, जो कि उक्त स्थल पर हिंदू मंदिर होने के दावे को प्रबल करते हैं। लेकिन मुस्लिम पक्ष के लोग हिंदू पक्षों द्वारा किए जा रहे दावों को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि सर्वे रिपोर्ट दाखिल होने के उपरांत कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला उक्त संदर्भ में लिया जाता है।
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