भारत दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को झेल रहा है। जहां एक ओर ‘आतंकवाद का केन्द्र’ पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पालता-पोषता है, वहीं भारत में अशांति पैदा करने और कश्मीर को हड़पने के लिए उनके जरिए छद्मयुद्ध लड़ रहा है। लेकिन पिछले आठ सालों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद और आतंकियों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। इसके तहत मोदी सरकार ने लगातार आतंकियों और उनके संरक्षकों पर प्रचंड प्रहार किया है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान समर्थित सात आतंकियों को प्रतिबंधित कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले 15 दिनों में आतंकी फंडिंग और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत पाकिस्तान स्थित सात आतंकी सरगनाओं को आतंकवादी घोषित किया है। सातों आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के सीआईडी के सुझाव पर प्रतिबंधित किया गया है। बैन किए गए आतंकियों की सूची में सज्जाद गुल, आशिक अहम नेंगरू, मुश्ताक अहम जरगर, अर्जुमांद गुलजार, अली काशिफ, मोइनुद्दीन औरंगजेब और हाफिज तलहा सईद शामिल है।
केंद्रीय गृहमंत्रालय के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य शेख सज्जाद गुल जम्मू-कश्मीर में हथियार और गोला बारूद जब्त होने के एक मामले में फरार चल रहा है। वह लश्कर के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में नौजवानों को गुमराह कर भर्ती कर रहा है। इसके अलावा आतंकवाद के वित्तपोषण में भी शामिल रहा है। मोदी सरकार ने 8 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और 26/11 के मुंबई हमले के ‘मास्टरमाइंड’ हाफिज सईद के बेटे हाफिज तल्हा सईद को आतंकी घोषित किया था। इसके तीन दिन बाद ही यानि 11 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिक मोहिउद्दीन औरंगजेब आलमगीर को आतंकी घोषित किया, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हुए हमले में शामिल था।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने अभी तक यूएपीए के तहत कुल 38 पाकिस्तानी आतंकियों को प्रतिबंधित किया है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय पाकिस्तानी आतंकियों का डेटाबेस तैयार कर रहा है, जो घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। सबसे पहले इन सभी आतंकियों पर एक डोजियर तैयार किया जा रहा है ताकि भारत इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और संबंधित देशों के सामने उठा सके। इसके अलावा इन नामित आतंकवादियों के सहयोगियों पर शिकंजा कसेगा। पाकिस्तानी जिहादी समूहों का समर्थन करने के लिए निशाना बनाया जाएगा और इसलिए वे कानून की कड़ी जांच के दायरे में भी आएंगे।
गृह मंत्रालय द्वारा तैयार डेटा बैंक फाइनेंशियल टास्क एक्शन फोर्स (FATF) को यह दिखाने के लिए इस्तेमाल होगा कि पाकिस्तान कश्मीर और भीतरी इलाकों में सक्रिय भारत विरोधी जिहादियों को आश्रय और सहायता प्रदान कर रहा है। पाकिस्तान पहले से ही आंशिक रूप से एफएटीएफ ग्रे सूची में है और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। सूची इस जून में पेरिस में एफएटीएफ की पूर्ण बैठक को आश्वस्त करेगी कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ इस्लामी जिहाद का केंद्र बना हुआ है। भारत इन नामित यूएपीए आतंकवादियों पर इंटरपोल और अमेरिका, फ्रांस, यूएई और इजराइल जैसे समान विचारधारा वाले देशों के साथ डोजियर भी साझा करेगा ताकि इन जिहादियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
Nationalism Always Empower People
More Stories
लाइव अपडेट | लातूर शहर चुनाव परिणाम 2024: भाजपा बनाम कांग्रेस के लिए वोटों की गिनती शुरू |
भारतीय सेना ने पुंछ के ऐतिहासिक लिंक-अप की 77वीं वर्षगांठ मनाई
यूपी क्राइम: टीचर पति के मोबाइल पर मिली गर्ल की न्यूड तस्वीर, पत्नी ने कमरे में रखा पत्थर के साथ पकड़ा; तेज़ हुआ मौसम