सरकार ने बुधवार को चुनावी बांड की 20वीं किश्त जारी करने को मंजूरी दे दी जो 1 से 10 अप्रैल तक बिक्री के लिए खुलेगी।
राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए गए नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बांड पेश किए गए हैं। हालांकि, विपक्षी दल इस तरह के बांड के माध्यम से वित्त पोषण में कथित अपारदर्शिता के बारे में चिंता जताते रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बिक्री के 20वें चरण में अपनी 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से चुनावी बांड जारी करने और भुनाने के लिए 1 अप्रैल से 10 अप्रैल, 2022 तक अधिकृत किया गया है।”
29 निर्दिष्ट एसबीआई शाखाएं लखनऊ, शिमला, देहरादून कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई जैसे शहरों में हैं।
योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बांड किसी भी भारतीय नागरिक या देश में निगमित या स्थापित संस्थाओं द्वारा खरीदा जा सकता है। पंजीकृत राजनीतिक दल जिन्होंने लोकसभा या विधान सभा के पिछले चुनाव में कम से कम 1 प्रतिशत वोट हासिल किया है, चुनावी बांड प्राप्त करने के पात्र हैं।
इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गोवा के लिए चुनाव इस महीने की शुरुआत में संपन्न हुए।
बांड बिक्री की 19वीं किश्त 1 जनवरी से 10 जनवरी, 2022 तक हुई। चुनावी बांड के पहले बैच की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 तक हुई।
इस तरह के बांड जारी करने वाला एसबीआई एकमात्र अधिकृत बैंक है।
चुनावी बांड जारी होने की तारीख से 15 दिनों के लिए वैध होगा। बयान के अनुसार, वैधता अवधि की समाप्ति के बाद बांड जमा करने पर किसी भी राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
किसी भी पात्र राजनीतिक दल द्वारा उसके खाते में जमा किया गया बांड उसी दिन जमा किया जाएगा।
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