चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीजिंग दौरे के निमंत्रण के जवाब में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शुक्रवार को कहा कि वह सीमा मुद्दों के समाधान के बाद पड़ोसी देश की यात्रा पर जा सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इससे पहले शुक्रवार को वांग ने डोभाल से साउथ ब्लॉक स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। दो साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद से किसी उच्च स्तरीय चीनी राजनयिक की भारत की यह पहली यात्रा है।
इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है। डोभाल से मुलाकात के बाद वांग ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। चीनी विदेश मंत्री की दिल्ली यात्रा उनके दक्षिण एशिया दौरे का हिस्सा है, जिसके तहत वह काबुल और पाकिस्तान गए, जहां उन्होंने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया।सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग के साथ NSA अजीत डोभाल की सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर बातचीत की।
चीन के विदेश मंत्री ने डोभाल को बीजिंग के दौरे पर आने का न्योता दिया। हालांकि अजीत डोभाल ने इस आमंत्रण को स्वीकार तो कर किया, लेकिन इसके साथ उन्होंने चीनी विदेश मंत्री के सामने एक शर्त रख दी। उन्होंने कहा कि, यह यात्रा तभी संभव होगी जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के विवादित प्वाइंट्स से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो जाएगी।इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक के दौरान वांग ने कहा था: “कश्मीर पर, हमने आज फिर से अपने कई इस्लामी दोस्तों की पुकार सुनी है
और चीन भी उसी उम्मीद को साझा करता है।” हालांकि, भारत ने कश्मीर के लिए ‘अनावश्यक संदर्भ’ को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा, “केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। चीन सहित अन्य देशों के पास टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।” बाद में शुक्रवार को वांग तीन दिवसीय यात्रा पर नेपाल जाएंगे।
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