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सतत ऊर्जा से ही सतत विकास संभव: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सतत विकास के लिए ऊर्जा पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सतत ऊर्जा से ही देश, समाज और व्यक्ति का विकास संभव है। केंद्रीय बजट 2022 की घोषणाओं के प्रभावी और त्वरित कार्यान्वयन की सुविधा के लिए, केंद्र सरकार विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वेबिनार की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है। इस श्रृंखला के अंतर्गत ऊर्जा, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, कोयला, खनन, विदेश और पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालयों के संसाधनों के विकास पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

अपने संबोधन के दौरान पीएम ने सोलर ट्री की अवधारणा विकसित करने पर बल दिया। देश ने तय किया अपना लक्ष्य वेबिनार में पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा और सतत विकास हमारी पुरातन परंपराओं से प्रेरित है और भविष्य की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं की पूर्ति का मार्ग है। भारत का स्पष्ट विजन है कि सतत विकास सतत ऊर्जा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने लिए जो लक्ष्य तय किए हैं उन्हें मैं चुनौती की तरह नहीं बल्कि एक अवसर की तरह देखता हूं। इसी विजन पर भारत बीते वर्षों से चल रहा है

इस बजट में इनको पॉलिसी लेवल पर और आगे बढ़ाया गया है। घर की शोभा और पहचान बनेगा सोलर ट्री पीएम मोदी ने कहा कि ग्लासगो में हमने 2070 तक नेट जीरो के स्तर तक पहुंचने का वादा किया है। मैंने कॉप-26 में सतत जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए लाइफ मिशन की बात की थी। उन्होंने इस बीच कहा कि हम घर के बाग-बगीचे या बालकनी में हर परिवार के एक सोलर ट्री की एक नई अवधारणा विकसित कर सकते हैं, ये सोलर ट्री घर की 10 से 20 फीसदी बिजली में मदद कर सकता है। ये घर की पहचान भी बन जाएगा कि सोलर ट्री वाला घर पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों का घर है।

हाल में घोषित राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी अथाह नवीकरणीय ऊर्जा शक्ति के रूप में अपनी अंतर्निहित बढ़त के बल पर हरित हाइड्रोजन का केंद्र बन सकता है। उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वह इस क्षेत्र में प्रयास करे। श्री मोदी ने यह भी कहा कि बजट में ऊर्जा भंडारण की चुनौती पर उल्लेखनीय ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा, “बैटरी स्वैपिंग नीति और अंतर-परिचालन मानकों के सम्बंध में भी इस वर्ष के बजट में प्रावधान किये गये हैं।

इनसे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल में आने वाली समस्यायें कम होंगी।” प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ, ऊर्जा बचत भी वहनीयता के लिये समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने प्रतिभागियों का आह्वान किया, “आप लोगों को देश में ज्यादा ऊर्जा-दक्ष एसी, ऊर्जा-दक्ष हीटर, गीजर, अवन बनाने के लिये काम करना चाहिये।” ऊर्जा-दक्ष उत्पादों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल देते हुये प्रधानमंत्री ने एलईडी बल्बों को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन दिये जाने की मिसाल दी।