आज भारत को विश्व गुरू बनाने की ओर ले जाने की कोशिशों को नया आयाम मिला है। विदेशी शक्तियां भी भारत के सामने नतमस्तक हैं। भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम जारी है आज भारत को दुनिया का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता मिल रही है।जब से मोदी सरकार ने योग दिवस को विश्व में मनाने के लिये यूएन से मंजूरी दिलवाया है तब से ही भारत की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति को नया आयाम मिलना शुरू हो चुका है।
कोरोना के पहली लहर के दौरान जब पूरे विश्व में कोरोना का कहर मचा था उन दिनों में भी भारत की संस्कृति का लोहा विश्व ने माना था। भारत के नमस्कार करने के तरीके को अमेरिका, ब्रिटेन, जैसे देशों ने अपनाते हुए सोशल डिस्टेसिंग के लिये इसे उपयोग किया था।भारत अपनी संस्कृति को और अपनी दूरदर्शिता को लेकर विश्व में गुरू के रूप में जाना जाता है। देश की प्रतिनिधित्व क्षमता युद्ध की स्थिति में भी समझौते की ओर ले जाने योग्य है।
आज भारत के पास तमाम देशों के चाहे वह बड़ी महाशक्ति क्यों न हो उसे अपनी परिपक्वता और दूरदर्शिता से अपना लोह मनवाने की भारत में क्षमता है।वर्तमान में यूक्रेन और रूस में जो युद्ध वाली स्थितियां बनी है उसमें भारत को एक महत्वपूर्ण किरदार अदा करना है। भारत के पास रूस से मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्राचीन इतिहास रहा है। दूसरी ओर अब यूके्रन भी भारत को आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
भारत चाहता है किसी भी स्थिति में युद्ध न हो शांति पूर्ण तरीके से ही निपटारा हो, यही कारण है कि भारत ने यूएन में जो प्रतिक्रिया दी है उसमें शांति का हवाला दिया है। नई दिल्ली में तैनात यूक्रेन के राजदूत डॉ इगर पोलिखा ने पीएम मोदी से इस मामले में मदद माँगी है। यूक्रेन के राजदूत ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्लादिमीर पुतिन से दोस्ती का रिश्ता है। वह स्थिति को और बिगडऩे से बचाने में अहम रोल निभा सकते हैं।
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