प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। मोदी राज में चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किया गया है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएम-जेवाई) की शुरुआत की थी। आयुष्मान भारत योजना गरीब-वंचितों के लिए वरदान साबित हो रही है। अब मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को मंजूरी दे दी है। इस मिशन में पांच साल के लिए 1,600 करोड़ रूपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को 1600 करोड़ रुपये के बजट के साथ पांच वर्ष के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शुरू करने को मंजूरी दे दी है। हेल्थ इकोसिस्टम में डिजिटल स्वास्थ्य समाधान पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक लाभकारी साबित हुए हैं। को-विन, आरोग्य सेतु और ई-संजीवनी ने यह दिखाया है कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को सक्षम करने में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत, नागरिक अपना आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) नंबर बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा। यह विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में व्यक्तियों के लिए विस्तृत स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने में सक्षम होगा और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा इलाज बेहतर बनाएगा। मिशन टेलीमेडिसिन जैसी तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहित करके और स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प चयन को सक्षम करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 25 अक्तूबर, 2021 को ‘आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ की शुरूआत की। हेल्थ सेक्टर की इस योजना पर 64,000 करोड़ का खर्च आएगा। इससे 29,000 हेल्थ और वेलनेस सेंटरों को सहायता मिलेगी। जिला स्तर पर ICU, VENTILATOR, OXYGEN आदि की सुविधा के साथ Critical Care Hospital में 37000 बेड्स विकसित किए जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर 4000 से अधिक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स और लैब बनाए जाएंगे।
मोदी राज में चिकित्सा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किया गया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी से देश भर में प्रतिदिन लगभग 90,000 रोगियों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है। ई-संजीवनी राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा शहरी और ग्रामीण भारत में मौजूद डिजिटल स्वास्थ्य अंतर को समाप्त कर रही है। यह अस्पतालों पर बोझ को कम करते हुए जमीनी स्तर पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों की कमी को दूर करने का काम कर रही है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी दो माध्यम से सेवा मुहैया कराती है।
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