उत्तर प्रदेश का सियासी संग्राम 10 फरवरी को पश्चिमी यूपी में पहले चरण के मतदान से शुरू हो रहा है। इस चरण में चारों प्रमुख पार्टियां बीजेपी, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रही है। लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी गठबंधन और एसपी-आरएलडी गठबंधन में दिखाई दे रहा है। जनता का समर्थन हासिल करने के लिए दोनों गठबंधन ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। वहीं जनता के सामने अब आखिरी फैसला लेने की चुनौती है।
आरएलडी के प्रमुख जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी का दामन थामकर अपनी राजनीतिक वैतरणी पार करना चाहते हैं, जिसकी सरपरस्ती में कभी सम्प्रदाय विशेष के लोगों ने बाकायदा सत्ता सहयोग से जाट समुदाय का दमन करने का दुस्साहस किया था। कौन नहीं जानता कि मुजफ्फरनगर दंगे में उस समय के सबसे कद्दावर सपा नेता व मंत्री आज़म ख़ान के दबाव में पुलिस ने दंगाइयों के ख़िलाफ़ कोई भी कार्रवाई नहीं की थी। किसान महापंचायत में जयंत चौधरी के सामने किसान नेता ग़ुलाम मोहम्मद जौला ने जाटों पर हमला करने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश में 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव की सरकार थी। 27 अगस्त, 2013 को मुज़फ्फरनगर ज़िले के जानसठ कस्बे के गांव कवाल में सचिन, गौरव व शाहनवाज की हत्या हुई, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। दंगे के दौरान अखिलेश यादव की सरकार ने खुलकर पक्षपात किया था। दंगा पीड़ित जाटों का आरोप है कि सरकार ने उनके लड़कों और बुजुर्गों तक को झूठे मामलों में फंसा दिया। स्कूल में पढ़ने वाले लड़कों और 60-80 साल के बूढों पर भी महिलाओं के संग दुर्व्यहार के मामले दर्ज किए गए।
अखिलेश सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आजम खान पर मुजफ्फनगर दंगे के दौरान दंगाइयों को बचाने और पुलिसकर्मियों को निलंबित कराने के आरोप लगे थे। कुछ पुलिस अधिकारियों की मानें तो दंगों के दौरान सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने पुलिस के काम में रोड़े अटकाए और कई थानों से पकड़े गए संदिग्ध लोगों को छुड़ाने का काम किया। एक न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए खुलासा किया कि फुगाना थाने पर लखनऊ से आजम नाम के नेता ने फोन कर कहा था कि जो हो रहा है, होने दो।
2017 में योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद जाटलैंड में काफी बदलाव आया है। पीएम मोदी और सीएम योगी के डबल इंजन की सरकार की वजह से जहां जाटों के साथ बिना भेदभाव के न्याय हो रहा है, उनके खिलाफ झूठे मुकदमे वापस हुए, और उन्हें सुरक्षा मिली है, वहीं जाटलैंड में विकास की नई पटकथा लिखी जा रही है। आज जाटलैंड विकास के एक्सप्रेसवे पर तेजी से दौड़ रहा है। गन्ना किसानों को भी उचित मूल्य समय पर मिल रहा है।
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