पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने अहम फैसला लेते हुए तय किया है कि देश के गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों की शुरुआत अब से हर साल 23 जनवरी से शुरू हुआ करेंगी। इससे पहले गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों की शुरुआत 24 जनवरी से होती रही है। सूत्रों के मुताबिक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को इन समारोह में शामिल करने के लिए ये फैसला किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इससे पहले नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का एलान किया था। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार देश के त्योहारों और पर्वों को इतिहास और संस्कृति से जोड़कर मनाने के काम पर फोकस करती रही है और आगे भी करती रहेगी। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि 14 अगस्त को देश विभाजन के दौरान हिंसा और भय को याद करने का दिन तय किया गया है।
31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने की पिछले साल से शुरुआत हुई है। वहीं, 26 नवंबर को संविधान दिवस और 26 दिसंबर को हर साल गुरु गोविंद सिंह के बेटों की शहादत के मौके पर वीर बाल दिवस मनाने का भी फैसला पीएम मोदी ने किया।सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में ऐसे ही और पर्वों को इतिहास से जोड़ने का काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नेताजी की जयंती को गणतंत्र दिवस से जोड़ने का फैसला ऐतिहासिक है और उन्हें राष्ट्र की ओर से ये सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बता दें कि नेताजी के परिवार के लोग लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें सम्मान नहीं दिया गया। मोदी सरकार ने 2014 से सत्ता संभालने के बाद नेताजी से जुड़े तमाम रहस्यों का उद्घाटन करने के लिए कागजात भी आर्काइव करने के आदेश दिए थे।
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