प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इस दलील पर गौर किया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सिब्बल ने कहा, “मैंने यह जनहित याचिका हरिद्वार में धर्म संसद में 17 और 19 दिसंबर को हुई घटना के संबंध में दायर की है।”
CJI ने कहा, “ठीक है, हम इस मामले को उठाएंगे।”
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