जलवायु परिवर्तन व पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के दुष्परिणामों से बचने
रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट की अवधारणा को नवीन दिशा देने तथा छत्तीसगढ़ को इस कार्य में अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से राज्य ग्रीन काउंसिल का गठन होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस काउंसिल के अध्यक्ष होंगे। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रीन काउंसिल के उपाध्यक्ष होंगे। काउंसिल में सदस्य सचिव एवं तकनीकी सलाहकार के अतिरिक्त कुल 12 सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। वन विभाग रिजनरेटिव डेव्हलपमेंट कार्य हेतु प्रशासकीय विभाग होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ राज्य ग्रीन काउंसिल के गठन के संबंध में मुख्य सचिव को तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने काउंसिल का कार्यालय लघु वनोपज संघ कार्यालय में तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि निरंतर पर्यावरणीय क्षरण के कारण विश्व में जलवायु परिवर्तन एवं पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के दुष्परिणामों से बचने के लिए पुनर्याेजी एवं सतत विकास ही एक मात्र विकल्प है, जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं प्रकृति की रक्षा के साथ-साथ साधनहीन समुदायों की आय में वृद्धि एवं कृषि के क्षेत्र में उन्नति का कार्य किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ राज्य में इस दिशा में बीते तीन वर्षाें में अनेक अभिनव कार्य आरंभ किए गए हैं।
पुनर्योजी विकास की अवधारणा को नवीन दिशा देने में तथा छत्तीसगढ़ को देश एवं दुनिया का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गठित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रीन काउंसिल में मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव वन, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ छत्तीसगढ़ राज्य ग्रीन काउंसिल के सदस्य होंगे तथा मुख्य वन संरक्षक इसके सदस्य सचिव होंगे। स्वनीति इनीशिएटिव संस्था मानसेवी तकनीकी सलाहकार के रूप में सेवाएं देगी। अध्यक्ष द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रीन काउंसिल के 7 सदस्यों का मनोनयन निजी क्षेत्र के ख्याति नाम लोगों में से किया जाएगा।छत्तीसगढ़ को मिला मोस्ट इंप्रुव्हड स्टेट इन इनवायरमेंट अवार्ड
रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वर्ष 2018 में 17वें, वर्ष 2019 में 6वें तथा वर्ष 2020 में दूसरे पायदान पर रहते हुए वर्ष 2021 में पहले पायदान पर है।
इसी तरह इंडिया स्टेट ऑफ दी फारेस्ट रिपोर्ट के अनुसार राज्य के वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों की यह एक बड़ी उपलब्धि है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोहा, कोयला, डोलोमाईट जैसे खनिजों से परिपूर्ण है। जिसके कारण राज्य में खनिज आधारित उद्योगों का विस्तार हुआ है। इन उद्योगों की स्थापना से एक ओर जहां क्षेत्र के लोगों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है, वहीं इसके कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और सॉलिड बेस्ट मेनेजमेंट की चुनौतियां भी मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल इन समस्याओं और चुनौतियों से निपटने में बेहतर प्रबंधन के साथ आगे बढ़कर काम कर रहा है।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वातावरण में वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए 18 वायु गुणवत्ता स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित तीन प्रमुख नगर निगमों रायपुर, भिलाई, कोरबा में राष्ट्रीय साफ वायु प्रोग्राम के तहत माइक्रो एक्शन प्लान तैयार किए गए हैं। वायु में सल्फर की मात्रा 37 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह 2016 में 26.02 माइक्रोग्राम थी, जो 2020 में घटकर 16.34 माइक्रोग्राम हो गई। इसी प्रकार दैनिक नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड सकेन्द्रण में भी 17 प्रतिशत की कमी आई है। यह 24.11 माइक्रोग्राम से घटकर 19.88 माइक्रोग्राम रह गई है।इसी तरह राज्य सरकार ने वाटर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत राज्य की 7 प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 27 स्टेशन स्थापित किए हैं। इनमें 5 प्रमुख नदियों खारून, महानदी, हसदेव, केलो और शिवनाथ का पानी पीने योग्य पाया गया है।
इसके अलावा पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए 10 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की लगभग 28.8 मिलियन आबादी में 6 मिलियन लोग शहरी क्षेत्रों में निवास करते हैं। शहरी क्षेत्रों से लगभग एक हजार 650 टन ठोस कचरा प्रतिदिन एकत्र होता है। राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में मिशन क्लीन सिटी प्रोग्राम चलाया जा रहा है। अम्बिकापुर में विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट पृथककरण और रिसायकलिंग मॉडल का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है। बलौदाबाजार जिले में भी हानिकारक कचरों के निपटान के लिए अलग से सुविधाएं विकसित की गई है।
इसी प्रकार बायोमेडिकल कचरे के निपटान के लिए 4 यूनिट भी प्रस्तावित है। हाल ही में राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को देश के सर्वश्रेष्ठ स्वच्छतम राज्य के रूप में सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ लगातार तीन सालों से देश में स्वच्छता के मामले में पहले स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य 44 प्रतिशत वनों से अच्छादित है, इससे ग्रीन हाऊस के प्रभावों को भी कम करने में मदद मिल रही है, वहीं सरकार द्वारा इंडस्ट्रीयल एरिया के 30 प्रतिशत क्षेत्र मंी वृक्षारोपण अनिवार्य किया गया है।
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