प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तो विकास के नित-नए सोपान तय कर ही रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक पीएम मोदी का संकल्प ‘सबका साथ, सबका विकासÓ साकार होता दिख ही रहा है। विदेशों तक में भारत के प्रभाव, प्रबंधन और पराक्रम का चतुर्दिक डंका बज रहा है। ब्लूमबर्ग की कोविड रेसीलियंस रैंकिंग में इंडिया ने बड़ी छलांग लगाई है। उधर, ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लॉवी इंस्टीट्यूट की ताजा रैंकिंग में भारत को विश्व का चौथा प्रभावशाली देश माना गया है। प्रधानमंत्री मोदी के राज में दुनियाभर में देश की साख मजबूत हुई है। कोरोना महामारी के दौरान दुनिया के अच्छे और खराब देशों की सूची में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। ब्लूमबर्ग की कोविड रेसीलियंस रैंकिंग में इंडिया ने बड़ी छलांग लगाई है। इस रैंकिंग से इस बात का पता चलता है कि देश में सामाजिक और आर्थिक परेशानी के बीच कोरोना वायरस संक्रमण को प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा रहा है। इस लीग टेबल में विश्व की 53 अर्थव्यवस्थाओं का आकलन कोरोना कंटेनमेंट जोन, इकोनॉमी और अन्य पहलुओं के आधार पर किया गया।कोरोना महामारी के दौरान विश्व में सबसे अच्छे और खराब स्थानों की सूची में भारत की रेटिंग बेहतर है। ब्लूमबर्ग की कोविड रिसीलियंस रैंकिंग में भारत की स्थिति बेहतर है। इस साल अप्रैल-मई में कोरोना की दूसरी लहर से भारत में हालात खराब हो गए थे। इसके बावजूद ब्लूमबर्ग की इस रैंकिंग में मंथली स्नेपशॉट के अनुसार भारत का स्थान 26वें पायदान पर है। भारत ने सारे इंडीकेटर में बेहतर प्रदर्शन किया है। वैक्सीनेशन में तेजी लाकर हम टॉप-20 में शामिल हो सकते हैं। यह दर्शाता है कि देश में सामाजिक और आर्थिक परेशानियोंं के बीच भी कोरोना वायरस संक्रमण को बेहद प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा रहा है। पावर इंडेक्स में दुनिया के भारत चौथा सबसे प्रभावशाली देश दूसरी ओर, लॉवी इंस्टीट्यूट ने एशिया पावर इंडेक्स में भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में चौथे स्थान पर है। भारत को एशिया की मध्य शक्ति के रूप में दर्शाया गया है। यह खुलासा ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी स्थित लॉवी इंस्टीट्यूट ने एशिया पावर इंडेक्स 2021 रिपोर्ट में हुआ है। इसमें 26 देशों की सूची जारी की गई है, जिसमें पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन, तीसरे पर जापान और चौथे नंबर पर भारत है। रक्षा नेटवर्क के मामले में भारत सातवें और आर्थिक संबंधों के मामले में आठवें स्थान पर है। वहीं, अर्थ व्यवस्था में रिकवरी के मामले में भारत 2030 के लिए आर्थिक पूर्वानुमान करीब दो साल और कम हो गए हैं। उधर, इस बार लॉवी इंस्टीट्यूट की वैक्सीन डिप्लोमेसी की कसौटी पर अमेरिका ने चीन से दोगुना मदद कर बाजी मार ली है। टॉप 10 : फ्लाइट कैपिसिटी रिकवरी इंडिकेटर में हमारी ऊंची उड़ान इस कोविड रेसीलियंस रैंकिंग में 12 इंडिकेटर के आधार पर राष्ट्रों का आकलन किया गया है। इनमें भारत की रैंकिंग में सबसे अहम योगदान नवंबर में दुनिया के कई देशों से वैक्सीनेटेड नागरिकों के लिए अपनी सीमाओं को फिर खोलने के फैसले को लेकर रहा। इसी माह में फ्लाइट क्षमता को बढ़ाकर फिर से 2019 के स्तर तक पहुंचाने की रही। इससे लोगों को बिजनेस और यात्रा दोबारा से शुरू करने में मदद मिली। इसकी बदौलत भारत अब फ्लाइट कैपिसिटी रिकवरी इंडिकेटर में टॉप 10 की सूची में शामिल है। भारत में नवंबर-दिसंबर में प्रति व्यक्ति संक्रमण की दर कम रही है। इसके अनुसार 1 लाख लोगों में से सिर्फ 23 लोग ही संक्रमित हैं। वहीं वित्तीय वर्ष 2022 में जीडीपी को लेकर 9.5त्न का अनुमान विश्व में सबसे अधिक है जो कि अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर संकेत है। भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट रही है । वहीं शुरुआत में धीमी रही कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार में भी तेजी आई है। अब तक 129.54 करोड़ वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं।
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