विपक्ष का नेता बनने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के बीच युद्ध छिड़ गया है। ममता बनर्जी विपक्ष की कमान संभालने के रास्ते में कांग्रेस को सबसे बड़ा रोड़ा मान रही है। इसलिए कांग्रेस को अपने रास्ते से हटाने और राष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करने के लिए जमकर दांवपेंच चल रही है। जहां कांग्रेस के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है, वहीं यूपीए के घटक दलों पर डोरे डाल रही है। इससे कांग्रेस के नेता तिलमिला उठे हैं और ममता बनर्जी पर पलटवार करना शुरू कर दिया है।
दरअसल ममता बनर्जी एक रणनीति के तहत कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख रही है। महाराष्ट्र पहुंचीं ममता बनर्जी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई व्यक्ति कुछ ना करे और सिर्फ विदेश में ही रहे तो काम कैसे चलेगा ममता ने इशारों ही इशारों में कहा कि अगर आप फील्ड में नहीं रहेंगे तो बीजेपी आप को बोल्ड कर देगी। अगर आप फील्ड में रहेंगे तो बीजेपी हार जाएगी। ममता बनर्जी से जब यह पूछा गया कि आखिर आप कांग्रेस से क्यों लड़ रही हैं तब उन्होंने जवाब दिया कि अगर कांग्रेस और लेफ्ट हमारे खिलाफ बंगाल में चुनाव लड़ सकते हैं तो हम भी उनके खिलाफ जा सकते हैं।
मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि कोई यूपीए नहीं है।
यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलायंस) यह खत्म हो चुका है। ममता ने यूपीए के अस्तित्व पर ही सवाल उठा कर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि उन्हें अब कांग्रेस का नेतृत्व मंजूर नहीं है। वह दूसरी पार्टियों को भी कांग्रेस की तरफ जाने से रोकने के लिए अपना हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए वह कांग्रेस को कमजोर साबित करने में लगी है। वह बताने की कोशिश कर रही है कि कांग्रेस बीजेपी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं है, ताकि क्षेत्रीय ताकतों के लिए वही एकमात्र विकल्प बन सके।
ममता बनर्जी के हमलों से आहत कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। सूत्रों के मुताबिक ममता पर बड़ा हमला बोलने का फैसला बुधवार रात हुई बैठक में लिया गया। पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह यूपीए के बारे में नहीं जानतीं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है मुझे लगता है कि वह पागल होने लगी हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘वह सोचती हैं कि पूरे भारत ने ‘ममता-ममताÓ का जाप करना शुरू कर दिया है, लेकिन भारत का मतलब बंगाल नहीं है और अकेले बंगाल का मतलब भारत नहीं है। पिछले चुनावों (पश्चिम बंगाल में) में उनकी रणनीति धीरे-धीरे उजागर हो रही है
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