भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। इसके तहत मोदी सरकार ने जहां भ्रष्टाचार के सभी रास्तों को बंद करने की कोशिश की है, वहीं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानि डीबीटी योजना से केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया पैसा सीधे जरूरतमंदों के हाथों में पहुंचने लगा है। इससे बड़ी मात्रा में पैसे बचाने में मदद मिल रही है। 2014 से लेकर अब तक इस योजना की वजह से 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।
मोदी सरकार के अनुसार जब पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) के दौरान कोरोना महामारी फैली हुई थी, उस समय भी डीबीटी के कारण करीब 45 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई थी। यह उपलब्धि सरकारी योजनाओं में किसी भी लीकेज को कम करके, सरकारी योजनाओं के नकली या गैर-मौजूदा लाभार्थियों को बाहर निकालने और असल लाभार्थियों के आधार से लिंक बैंक अकाउंट में पैसा भेजकर हासिल की गई। गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2013 को 43 जिलों में डीबीटी की शुरुआत हुई
इसके तहत 27 योजनाओं को शामिल का गया था। इसके बाद 12 दिसंबर, 2014 को पूरे देश में डीबीटी का विस्तार किया गया। आज केंद्र सरकार के 54 मंत्रालयों और विभागों की 310 योजनाओं को डीबीटी के दायरे में लाया गया है। डीबीटी के तहत अब तक कुल 57.8 करोड़ लाभार्थियों को नकद और 83.3 करोड़ को वस्तु के रूप में लाभ मिला है। डीबीटी को प्रभावी और उपयोगी बनाने में जैम (जनधन, आधार और मोबाइल) की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मार्च 2021 तक विभिन्न योजनाओं में बचत, उर्वरक सब्सिडी में 10 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। मनरेगा योजना में 34 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। मनरेगा की मजदूरी में 10 प्रतिशत बचत का अनुमान है। 11 करोड़ फर्जी व निष्क्रिय एलपीजी कनेक्शन खत्म। पहल योजना में 73 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई। पीडीएस के तहत 3.99 करोड़ फर्जी लाभार्थी पकड़े गए। पीडीएस के तहत 1 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। कोरोना काल में डीबीटी बना रक्षक
‘आधार 2.0’ सम्मेलन में 25 नवंबर, 2021 को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि आधार ने कोरोना महामारी के दौरान एक रक्षक का काम किया है। उनके अनुसार अप्रैल 2020 में मार्च 2020 के मुकाबले आधार आधारित डीबीटी भुगतान में 140 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद यह मई 2021 में अप्रैल 2020 के स्तर के मुकाबले 200 प्रतिशत बढ़ा था। यह कोरोना महामारी के दौरान सरकार की ओर से किए गए डीबीटी भुगतान को दर्शाता है।
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