विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने मंदिर निर्माण को लेकर दावा किया है कि दिसंबर 2023 तक अयोध्या में यह श्रीराम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की बुनियाद तैयार कर ली गई है। जिसके ऊपर जल्द ही मंदिर निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा, इस मंदिर का निर्माण दिसंबर साल 2023 तक निश्चित रूप से पूरा भी कर दिया जाएगा। रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर में विश्व हिंदू परिषद की ओर से धर्म रक्षा निधि समर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान चंपत राय ने साफ कहा कि विहिप ने अपने स्थापना काल से जिन कार्यों का जिम्मा लिया है। उन्हें तन मन और पूरी निष्ठा के साथ पूरा भी किया है। अयोध्या में किए गए राम मंदिर का निर्माण भी उन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा कि यह परिषद के समर्पित कार्यकर्ताओं के द्वारा किए गए संघर्ष का ही नतीजा है कि आज जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। परिषद की ओर से वार्षिक क्रियाकलाप के चलते गोरक्षा, अनाथालय, गरीबों के निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, वेद विद्यालय और स्वावलंबन केंद्र की जानकारी देते हुए कहा कि परिषद अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के तहत जो कार्य करता है, उसके लिए समाज से सहयोग के लिए वह साल एक बार धर्म रक्षा निधि समर्पण का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। चंपत राय ने अपने बयान को जारी रखते हुए कहा कि हिंदू समाज के आराध्य श्रीराम के मंदिर निर्माण से पूरा भारत एक सूत्र में बंध जाएगा। विहिप अपने सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए जो कार्य करता है, उसके लिए समाज के सहयोग सालभर में एक बार धर्म रक्षा निधि समर्पण के कार्यक्रम का आयोजन करता है।
जिससे पहले विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और कार्यक्रम अध्यक्ष ले. कर्नल कृष्ण मुरारी राय, प्रांत अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने भगवान श्री राम दरबार के सामने दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम की शुरूआत की थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण मुरारी राय एवं संचालन प्रांत उपाध्यक्ष ओंकार ने किया।अपने गोरखपुर दौरे के दौरान चंपत राय प्रतिष्ठित व्यवसायी बालकृष्ण सराफ के आवास पर भी पहुंचे। जहां उनके पैर छूकर भगवान श्रीराम के मंदिर की प्रतिकृति भी भेंट की। 95 साल के बालकृष्ण प्रतिकृति पाकर भाव-विभोर हो गए। चंपत राय ने उन्हें मंदिर निर्माण देखने के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। इस दौरान सेवा भारती के प्रांत अध्यक्ष अतुल सराफ, परमेश्वर, श्याम बिहारी अग्रवाल भी मौजूद थे।
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