केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 15,823 नए कोरोनोवायरस मामलों को जोड़ा, जिससे बुधवार को संक्रमण की संख्या 3,40,01,743 हो गई, जबकि राष्ट्रीय कोविड की वसूली दर बढ़कर 98.06 प्रतिशत हो गई।
226 नए लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या 4,51,189 तक पहुंच गई, जो सुबह 8 बजे अपडेट किए गए आंकड़ों से पता चलता है।
लगातार 19 दिनों से नए कोरोनावायरस संक्रमणों में दैनिक वृद्धि 30,000 से कम रही है और लगातार 108 दिनों से 50,000 से कम दैनिक नए मामले सामने आए हैं।
मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामले घटकर 2,07,653 हो गए हैं, जो 214 दिनों में सबसे कम है, जिसमें कुल संक्रमण का 0.61 प्रतिशत शामिल है, जबकि राष्ट्रीय कोविड की वसूली दर 98.06 प्रतिशत दर्ज की गई है।
24 घंटे की अवधि में सक्रिय कोविड केसलोएड में 7,247 मामलों में कमी दर्ज की गई है।
दैनिक सकारात्मकता दर 1.19 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पिछले 44 दिनों से यह तीन फीसदी से भी कम है।
साप्ताहिक सकारात्मकता दर 1.46 प्रतिशत दर्ज की गई थी। मंत्रालय के मुताबिक पिछले 110 दिनों से यह तीन फीसदी से नीचे है।
मंगलवार को कुल 13,25,399 परीक्षण किए गए, जिससे देश में कोविद -19 का पता लगाने के लिए अब तक किए गए संचयी परीक्षणों की संख्या 58,63,63,442 हो गई।
बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 33342901 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक देश में 96.43 करोड़ से अधिक कोविड वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।
भारत की कोविड -19 टैली ने 7 अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख का आंकड़ा पार किया था। यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख को पार कर गया था। 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया।
भारत ने 4 मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के गंभीर मील के पत्थर को पार कर लिया।
226 नए लोगों में केरल के 106 और महाराष्ट्र के 43 लोग शामिल हैं।
देश में अब तक कुल 4,51,189 मौतें हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 1,39,621, कर्नाटक से 37,906, तमिलनाडु से 35,814, केरल से 26,448, दिल्ली से 25,089, उत्तर प्रदेश से 22,896 और पश्चिम बंगाल से 18,924 मौतें हुई हैं।
मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरुग्णता के कारण हुईं।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलान किया जा रहा है।” आंकड़ों का राज्यवार वितरण आगे सत्यापन और सुलह के अधीन है।
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