पर प्रकाश डाला गया
- ख़ास तौर पर अल्बाट्रोस को ख़ामोश बनाया जा रहा है
- 2027 के द्वीप में बमबारी सरकार
- अभियान को ‘माउस-फ़्री मैरियन प्रोजेक्ट’ नाम दिया गया है
एजेंसी, केपटाउन (माउस-फ्री मैरियन प्रोजेक्ट)। गोदामों, गोदामों और गोदामों में सामान विशेष रूप से सिक्के पाए जाते हैं। सबसे बड़ी संख्या किसी को भी चिंता हो सकती है। लेकिन, इजाज़त हो जब किसी देश की सरकार से भी चिंता हो जाए। ऐसी ही परेशानी इन दिनों अफ्रीका में सामने है। यहां पर यहां की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
यूक्रेन, अफ्रीका से करीब दो हजार किमी दूर मैरियन केपटाउन द्वीप बसा है। यह अफ्रीका का ही हिस्सा है। यहां समृद्ध चहारदीवारी ने अफ्रीका की सरकार को परेशान करके रख दिया है और अब सरकार इस द्वीप में बमबारी करने जा रही है।
हो रही परेशानी
मैरियन केपटाउन में समुद्री पक्षियों की संख्या काफी अधिक है। इन पक्षियों को बहुमत की सामुहिक रचना मिल रही है। खास तौर पर किचन अल्बाट्रोस पर भारी पैड रह रहे हैं। ऐसे में सरकार ने इन पक्षियों को द्वीप पर बमबारी से बचाने के लिए द्वीप पर बमबारी का निर्णय लिया है। सरकार के इस मिशन को माउस-फ्री ‘मैरियन प्रोजेक्ट’ नाम दिया गया है।
कब होगी बमबारी
अफ़्रीका सरकार ने वर्ष 2027 में द्वीप पर बमबारी का निर्णय लिया है। बमबारी के दौरान की जाएगी। क्योंकि इस मौसम में चूहे आदिक समूह पाए जाते हैं और यहां रह रहे पक्षी जन्म के लिए द्वीपों से कहीं भी जाते हैं और जाते हैं। ऐसे में बमबारी के लिए इस समय को उपयुक्त माना जा रहा है।
मैरियन केपटाउन 25 किलोमीटर लंबाई और 17 किलोमीटर लंबा है। बहस का कहना है कि यह परियोजना लगभग सफल हो सकती है, जब बमबारी के दौरान द्वीप के पूरे क्षेत्र को कवर कर लिया जाएगा।
सहायक का रहने वाला मंदिर
इस परियोजना के लिए अफ्रीका सरकार के सहयोगियों का प्रवेश में प्रवेश है। सरकार अब तक 2 अरब, 43 करोड़ 37 लाख 64 हजार रुपये की कंपनी है। जो इस प्रोजेक्ट में खर्च वाली कुल राशि का केवल एक चौथाई हिस्सा है। हालाँकि, सरकार का मानना है कि शेष समय में हुई राशि से भी समझौता कर लिया जाएगा।
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