कच्च तेल की कीमतों में लगातार उथल-पुथल जारी है. एक बार फिर डब्लूटीआई क्रूड 73 डॉलर और ब्रेंट क्रूड 78 डॉलर के पार पहुंच गया है. इसी बीच, वैश्विक वित्तीय फर्म मूडीज ने इसको लेकर सतर्क रहने को कहा है.
मूडीज ने कहा है, ”कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार थमने का खतरा है.” हालांकि इसके साथ ही उसने ये भी कहा है कि पेट्रोल और डीजल पर छूट कम किए जाने से इसका जोखिम कम हुआ है.
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपनी सहयोगी संस्था ICRA के साथ मिलकर पिछले महीने निवेशकों का एक पोल तैयार किया. इसमें 175 से ज्यादा निवेशक शामिल हुए. इसमें निवेशकों ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को अर्थव्यवस्था के विकास के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बताया है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से राजकोषीय घाटे का 3.3 फीसदी का लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल है.
निवेशकों ने इस दौरान यह भी कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी बैंकों में जान फूंकने के लिए दिया जा रहा रिकैपिटलाइनजेशन लोन काफी नहीं है. क्योंकि बैंक योजना के अनुसार पूंजी जुटाने में असफल रहे हैं.
मूडीज ने कहा, ” जैसे कि पोल में शामिल निवेशकों ने कहा. हमें भी लगता है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें वृद्धि दर की रफ्तार कम कर सकती हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में तेल पर मिलने वाली छूट कम किए जाने से जोखिम में भी कमी आई है.
बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है. मंगलवार को कच्चे तेल की कीमत 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी. हालांकि बुधवार को इसकी कीमतों में थोड़ी नरमी आई है.
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