
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य भर में एक बड़े अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें देश से बाहर निकालना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि विपक्षी दल ऐसे घुसपैठियों का समर्थन करने से बाज आएं, क्योंकि भारत की जनता अब इस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी।
बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर किए गए अमानवीय अत्याचारों का मुद्दा गरमाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब गाजा में हमला होता है तो ये पार्टियां आंसू बहाती हैं और कैंडल मार्च निकालती हैं, लेकिन जब बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या होती है तो ये चुप्पी साध लेती हैं। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां बांग्लादेशी हिंदुओं के दर्द को महसूस नहीं करतीं।
‘ऑपरेशन टॉर्च’ के तहत, पुलिस और स्थानीय प्रशासन संदिग्ध रोहिंग्या घुसपैठियों के दस्तावेजों की घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं। यह अभियान लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी और राज्य के कई अन्य शहरों में चलाया जा रहा है। अकेले वाराणसी में 500 से अधिक संदिग्ध घुसपैठियों की पहचान की गई है। लखनऊ और कानपुर की झुग्गी-बस्तियों में भी पुलिस द्वारा घुसपैठियों का पता लगाने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह सर्वविदित है कि लाखों बांग्लादेशी अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं और विभिन्न स्थानों पर बस गए हैं। वे भारतीय नागरिकों के लिए आरक्षित कल्याणकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। पिछले शासनों ने इस गंभीर मुद्दे पर कभी ध्यान नहीं दिया, लेकिन योगी सरकार ने पहली बार इस पर निर्णायक कार्रवाई की है। अवैध प्रवासियों का पता लगाया जा रहा है और उन्हें निर्वासित किया जाएगा, जिसके दूरगामी परिणाम अगले कुछ वर्षों में देखने को मिलेंगे।






