
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने 1,804 अयोग्य उम्मीदवारों के नाम जारी किए। शीर्ष अदालत ने आयोग को कैश-फॉर-जॉब्स घोटाले में दूषित उम्मीदवारों की सूची जारी करने का निर्देश दिया था। पश्चिम बंगाल केंद्रीय एसएससी ने एक नोटिस में कहा, ‘भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट के 28 अगस्त, 2025 के आदेश के अनुपालन में, एसएलपी(सी) नंबर 23784/2025 (बेजय बिस्वास और अन्य बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य) के मामले में, सूची 1 में उल्लिखित उम्मीदवारों की सूची, जिनका चयन किया गया था, जिनकी चयन को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था और माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि की गई थी, उन्हें यहां पश्चिम बंगाल केंद्रीय स्कूल सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है ताकि ऐसे दूषित उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक डोमेन में रखी जा सके।’ 14 जुलाई को, कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2024 के फैसले के बाद नौकरी खोने वाले एसएससी शिक्षकों ने ‘योग्य शिक्षक शिक्षिका अधिकार मंच’ के बैनर तले हावड़ा में बंगाल सचिवालय की ओर ‘नबानो अभियान’ विरोध मार्च शुरू किया। उन्होंने एक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी, जिसमें कहा गया था कि पूरी नियुक्ति प्रक्रिया दूषित थी। नौकरी खोने वाले शिक्षकों ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए कई विरोध प्रदर्शन किए।





