
नई दिल्ली: भारत में हर साल 16 दिसंबर को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है। इस वर्ष, दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में विजय दिवस का एक अनूठा उत्सव मनाया गया, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की विजय का स्मरण किया गया। इस अवसर पर, भारतीय सेना ने न केवल युद्ध में इस्तेमाल किए गए शक्तिशाली हथियारों को याद किया, बल्कि उन्हें रचनात्मक तरीके से मेनू में भी शामिल किया।
उत्सव के दौरान, ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हथियारों के नाम पर विशेष व्यंजन तैयार किए गए थे। इनमें ‘सिंदूरी संदेश’, ‘आकाश’, ‘बोफोर्स’, और ‘एल-70 एयर डिफेंस गन’ जैसे नामों वाले स्वादिष्ट पकवान शामिल थे। ये हथियार न केवल पाकिस्तानी सेना को पीछे धकेलने में महत्वपूर्ण थे, बल्कि उन्होंने दुश्मन के मन में गहरा खौफ भी पैदा किया था। इसी जीत के प्रतीक के रूप में, एक पाकिस्तानी तुर्की ड्रोन को भी युद्ध ट्रॉफी के रूप में प्रदर्शित किया गया, जो भारतीय सेना की शौर्य गाथा का एक और प्रमाण था।
इस अवसर पर, सेना ने स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला का भी प्रदर्शन किया। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित प्लेटफॉर्म से लेकर पुनर्प्राप्त ड्रोन का विश्लेषण करने वाली एक प्रणाली तक शामिल थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी द्वारा आर्मी हाउस में आयोजित ‘एट होम’ कार्यक्रम में भाग लिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस प्रदर्शन ने भारतीय सेना के एक आधुनिक, नवीन और आत्मनिर्भर बल के रूप में निरंतर परिवर्तन को दर्शाया।






