उत्तराखंड इस समय प्रकृति की मार झेल रहा है। हर्षिल के धराली में बुधवार को आई तबाही ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद त्रासदी में 5 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से 70 लोग अभी भी लापता हैं। सेना, NDRF, SDRF और जिला पुलिस-प्रशासन की टीम इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है। अब तक 130 लोगों को बचाया गया है, जबकि 100 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। इस बीच, हर्षिल में हुई तबाही का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें सेकंडों में घर, होटल, पेड़ और सब कुछ जमींदोज होते दिखाई दिया।
हर्षिल कैंप के पास बादल फटने से सेना के जवान लापता हो गए थे। सेना के अनुसार, दो सैनिक सुरक्षित मिल गए हैं, जबकि 9 अभी भी लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। बीच-बीच में मलबा अभी भी बहकर आ रहा है। पास में भागीरथी नदी बहती है। यदि आप तबाही के बाद की तस्वीरों को देखें तो नदी और बहकर आए मलबे में अंतर कर पाना मुश्किल हो रहा है। दोनों एक जैसे ही दिख रहे हैं। जमीन पूरी तरह से दलदल जैसी बन गई है।
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों के जिलाधिकारियों को रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में प्रशासन को संभावित आपदा से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के जिलाधिकारियों को ऑरेंज अलर्ट के तहत सतर्क रहने और आवश्यक एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है। राज्य के संवेदनशील इलाकों में लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। उत्तरकाशी में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्य में दिक्कत आएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आंध्र प्रदेश के अपने दौरे से सीधे देहरादून में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने प्रशासन, पुलिस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राहत और बचाव प्रयासों का समन्वय किया। उन्होंने कहा कि बिजली बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है और युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने 20 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
उत्तराखंड सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि बचाव और राहत कार्य जारी है, जिसका नेतृत्व भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 130 से अधिक लोगों को बचाया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी के साथ निरंतर संपर्क में है।
सेना, ITBP और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमों ने प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। सभी प्रभावितों को कोपांग स्थित ITBP कैंप में ठहराया गया है। ITBP के अनुसार, राहत सूची में दर्ज सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें कैंप में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और अतिरिक्त सहायता के लिए तैयार है। तबाही के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। धराली में आई आपदा को लेकर स्टेट कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है।