उत्तराखंड में बुधवार को कई जिलों में भारी बारिश के कारण रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसके चलते 9 जिलों के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। बागेश्वर और कोटद्वार सहित कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ से भारी तबाही हुई है, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
धराली में बादल फटने से कई घर और होटल बह गए, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। SDRF, NDRF, ITBP और सेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं और 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने बताया कि उत्तरकाशी आपदा राहत कार्य के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विशेष पुलिस बलों को तैनात किया जा रहा है, जिनमें 2 आईजी, 3 एसपी, एक कमांडेंट और 11 डिप्टी एसपी शामिल हैं। हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जिसमें सेना के कई जवान लापता हैं। सेना के बेस कैंप पर भी असर पड़ा है।
लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि 11 जवानों के लापता होने की आशंका है। क्षेत्र में तेज बारिश और कनेक्टिविटी टूटने के कारण रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है, हालांकि सेना अपने ऑपरेशन में जुटी है। 14 राजरिफ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन राहत और बचाव कार्यों का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी टीम के 150 जवान इस कठिन मुहिम में डटे हुए हैं।
उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच बागेश्वर और कोटद्वार में भी बारिश जारी है। राजधानी देहरादून के अलावा नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि आपदा प्रभावित इलाकों में फोन, इंटरनेट और टावरों को नुकसान पहुंचा है। PAC और IRB की स्पेशल डिजास्टर रिलीफ यूनिट की तैनाती की गई है। उत्तरकाशी में राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए 40वीं बटालियन पीएसी और देहरादून की आईआरबी-II की सी कंपनी भेजी गई है।
आपदा को देखते हुए, उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के जिला अस्पतालों के साथ-साथ दून मेडिकल कॉलेज और ऋषिकेश के एम्स में बेड रिजर्व किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और डॉक्टरों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन भूस्खलन जोन पर 24 घंटे मशीनें तैनात कर रहा है। उत्तरकाशी-हर्षिल मार्ग पर भूस्खलन के कारण सड़कों को जेसीबी से साफ किया जा रहा है। गंगोत्री हाईवे पर सड़क धंसने से हर्षिल और धराली क्षेत्र का संपर्क कट गया है।
कहा जा रहा है कि भूमध्य सागर से उठे विक्षोभ के कारण उत्तरकाशी में बारिश ने विकराल रूप धारण किया, जो 2013 में केदारनाथ में आई जल प्रलय के समान था।