उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में शिक्षा, जल आपूर्ति और आर्थिक विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली। बैठक में कुल 19 प्रस्ताव पारित हुए, जिनमें निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और मेधावी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना शामिल है। यह बैठक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें सभी कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री उपस्थित थे।
कैबिनेट में बाढ़ की स्थिति पर भी चर्चा की गई। बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रिटेन के ‘द फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस’ (FCDO) के सहयोग से अटल बिहारी वाजपेयी-चिवनिंग छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, हर साल 5 मेधावी छात्रों को यूके के मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रत्येक छात्र पर लगभग 38,000 से 42,000 पाउंड का खर्च आएगा, जिसमें से आधा खर्च यूपी सरकार और शेष यूके की संस्था वहन करेगी।
बैठक में लखनऊ के KGMU की कार्यपरिषद में एसएसटी के एक सदस्य और ओबीसी के एक सदस्य को वरिष्ठता क्रम में रखने, विभिन्न जिलों में 1.5 क्यूसेक क्षमता के 62 सरकारी नलकूपों के पुनर्निर्माण (नाबार्ड पोषित), FRBM एक्ट में संशोधन, मुजफ्फरनगर में वेदांता विश्वविद्यालय और बाराबंकी में बोधिसत्व विश्वविद्यालय को मंजूरी दी गई। के.डी. विश्वविद्यालय मथुरा को भी प्राधिकार पत्र निर्गत करने की स्वीकृति मिली। इसके अतिरिक्त, MSME विभाग में दो नीतियां – उत्तर प्रदेश फुटवियर लेदर, नॉन लेदर विकास नीति 2025 और उत्तर प्रदेश लघु सूक्ष्म मध्यम औद्योगिक स्थान प्रबंधन नीति को भी मंजूरी दी गई।