
वैश्विक चुनौतियों और पड़ोसी देशों के साथ बदलते रिश्तों के बीच, भारत अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में लगा हुआ है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं और तकनीकी दिशा को लेकर टेक्नोलॉजी पर्सपेक्टिव एंड कैपेबिलिटी रोडमैप (TPCR-2025) जारी किया है। यह बुकलेट अगले 15 वर्षों के लिए सेनाओं की क्षमता निर्माण और तकनीकी विकास का खाका प्रस्तुत करता है। इस रोडमैप में साइबर ऑपरेशंस, ड्रोन सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस वॉरफेयर और सूचना प्रभुत्व जैसी आधुनिक तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य भारतीय उद्योगों को अनुसंधान, विकास और उत्पादन की दिशा तय करने और तीनों सेनाओं की जरूरतों को समय पर पूरा करने में मदद करना है। केंद्र सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्राथमिकता दी है, जिसमें निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को समान अवसर दिए जा रहे हैं। MSMEs को भी रक्षा उत्पादन में शामिल करने पर जोर दिया गया है। TPCR-2025 आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण दोनों लक्ष्यों को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे भारतीय सेनाएं अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी।






