राज्यसभा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों की तैनाती को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास और द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई नेताओं ने संसद में सुरक्षा बलों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
कांग्रेस सांसद रेणुका ने सरकार पर हमला करते हुए सवाल किया कि, ‘क्या हम आतंकवादी हैं या नक्सली? उनको तो पकड़ते नहीं, उनका तो कुछ कर नहीं सकते और हमें डराने के लिए CISF ले आए?’ उन्होंने कहा ‘वो सोचते हैं कि हम पर ताकत दिखाकर हमें डरा देंगे, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं’। रेणुका ने आरोप लगाया कि संसद में महिलाओं को निशाना बनाया गया, खासकर उन्हें।
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा ‘वे असली आतंकवादियों को पकड़ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में शामिल लोगों को पकड़ने में उन्हें कितना वक्त लग गया और हमें नहीं पता कि उन्होंने जिन लोगों को पकड़ा, वो असली हैं भी या नहीं। लेकिन वे संसद में आकर महिलाओं को निशाना बना रहे हैं… ये कौन से हीरो हैं? यही इनका स्तर है। रेणुका चौधरी ने धमकी भरे लहजे में कहा, ‘अब खबरदार रहें, महिला जब गुस्से में आती है तो क्या होता है, ये उन्हें देखना होगा’।
रेणुका चौधरी ने कहा कि वो सोचते हैं कि CISF बुलाने से हम डर जाएंगे तो ऐसा नहीं हम सिर कटा सकते हैं, लेकिन हम झुकेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि हम वेल में खड़े रहेंगे और हमें इसके लिए किसी की इजाजत की जरूरत नहीं है। सांसद ने कहा कि हमने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया फिर CISF क्यों आई? क्या हम आतंकवादी हैं या नक्सली?. माकपा के सांसद ब्रिटास ने भी इस पर नाराजगी जताई, वहीं द्रमुक सांसद शिवा ने विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया और शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे शर्मनाक बताया।