
दिल्ली में ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने स्वीकार किया कि यूपीए सरकार द्वारा जाति जनगणना न कराना एक गलती थी। उन्होंने कहा कि दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के मुद्दों को समझने में उन्हें आसानी हुई, लेकिन ओबीसी के मुद्दों को समझने में चूक हुई। उन्होंने जाति आधारित जनगणना आयोजित करने का वादा किया, और इसे ओबीसी समुदाय और अन्य वंचित समूहों के लिए सम्मान और समान भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़े वर्ग, आदिवासी और अल्पसंख्यक देश की 90 प्रतिशत आबादी बनाते हैं, लेकिन वे अक्सर महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बाहर रहते हैं।