संसद में हंगामे के बीच, राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक लोकसभा से पारित हो गया। युवा एवं खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे पेश किया था। राज्यसभा से भी पारित होने के बाद, यह विधेयक अब देश की सभी खेल इकाइयों पर लागू होगा, जिसमें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी शामिल है।
हालांकि, बीसीसीआई के केवल वित्तीय मामलों को आरटीआई के दायरे से बाहर रखा गया है। इस विधेयक के तहत, सभी राष्ट्रीय महासंघों को देश के कानूनों का पालन करना अनिवार्य होगा, भले ही वे मंत्रालय से वित्तीय सहायता प्राप्त न करें। राष्ट्रीय खेल बोर्ड की स्थापना की जाएगी, जो खेल संगठनों को मान्यता देगा और रद्द भी कर सकेगा।
विधेयक का उद्देश्य समय पर चुनाव कराना, प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करना और खिलाड़ियों के कल्याण के लिए एक मजबूत खेल ढांचा तैयार करना है। केंद्र सरकार इस बिल को इसलिए भी पास करवाना चाहती है ताकि भारत ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावा कर सके।