
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) धोखाधड़ी मामले में भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत लाने की राह आसान हो गई है। बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट, जिसे कोर्ट ऑफ कैशन (Court of Cassation) भी कहा जाता है, ने मेहुल चोकसी की उस अंतिम अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ गुहार लगाई थी। बेल्जियम के शीर्ष न्यायालय के इस फैसले से एंटीवर्प कोर्ट ऑफ अपील के उस निर्णय को बल मिला है, जिसने चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
अदालत के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ऑफ कैशन ने मेहुल चोकसी की अपील पर सुनवाई की और उसे यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह कानूनी पहलुओं पर खरा नहीं उतरती। इस फैसले के साथ ही, प्रत्यर्पण आदेश पर लगी अस्थायी रोक भी हट गई है, और अब आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
इससे पहले, एंटीवर्प कोर्ट ऑफ अपील ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा था कि मेहुल चोकसी के खिलाफ लगाए गए आरोप, जिनमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी शामिल हैं, भारतीय कानूनों के तहत दंडनीय हैं और बेल्जियम के कानूनों में भी इनके समान अपराध मौजूद हैं। अदालत ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि मेहुल चोकसी द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न या जबरन लाए जाने के दावे निराधार थे। भारतीय अधिकारियों ने अदालत को आश्वासन दिया था कि चोकसी के साथ भारत में उचित व्यवहार और चिकित्सा सुविधा का ध्यान रखा जाएगा।

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