
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पूरे कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाई। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि जिन धाराओं पर चिंताएं थीं, उन पर रोक लगाई गई है। मदनी ने कहा कि जमीयत इस कानून के रद्द होने तक संघर्ष जारी रखेगी, क्योंकि यह संविधान पर हमला है और धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की साजिश है। उन्होंने वकीलों का भी शुक्रिया अदा किया। कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई, जैसे कि पांच साल से इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति ही वक्फ कर सकते हैं और कलेक्टर को संपत्ति विवादों का अधिकार देना। कोर्ट ने सेंट्रल वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या भी सीमित कर दी।






