
मेदिनीनगर, पलामू: कड़ाके की ठंड और गिरते पारे के बीच, मेदिनीनगर नगर निगम के ग्राम निमिया (वार्ड संख्या तीन) में सेवा का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। ‘नयी संस्कृति सोसाइटी’ और ‘संस्कार’ नामक स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर एक विशाल कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों जरूरतमंदों को ठंड से राहत दिलाने के लिए गर्म कंबलों का वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित युवा नेता आशीष भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि यह सेवा कार्य पिछले पांच वर्षों से लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्थाएं हर साल ठंड के मौसम में मेदिनीनगर के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंदों के बीच कंबल बांटती हैं। इतना ही नहीं, वे आधी रात को भी शहर की सड़कों पर फुटपाथ पर सोने वाले लोगों की सुध लेने निकलते हैं और उन्हें ठंड से बचाने के लिए कंबलों का वितरण करते हैं।
आशीष भारद्वाज ने इस बात पर जोर दिया कि मानव का सबसे बड़ा धर्म परोपकार है, जिसे कोई भी हमसे छीन नहीं सकता। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इस बढ़ती ठंड में अपना और अपने आस-पास के लोगों का ख्याल रखें। उन्होंने कहा, “यह शहर हमारा घर है, और यहां रहने वाले सभी लोग हमारे अपने हैं। अपनों की सेवा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।” उन्होंने अपनी संस्थाओं के माध्यम से इसी जिम्मेदारी को पूरा करने का प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें इस शहर से और यहां के लोगों से गहरा जुड़ाव महसूस होता है, और यदि वे किसी भी सकारात्मक तरीके से लोगों के काम आ सकें, तो यही जीवन की सार्थकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ हम खड़े हैं, हमारे हिस्से का हिंदुस्तान वहीं हमारे साथ है, और अपनों की सेवा ही सच्ची राष्ट्र सेवा है। उन्होंने ‘संस्कार’ और ‘नई संस्कृति सोसाइटी’ जैसी संस्थाओं के सकारात्मक कार्यों की सराहना की और भविष्य में उनके कार्यक्रमों में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विनोद अग्रवाल ने संस्थाओं के प्रयासों को सराहनीय बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यों से जरूरतमंदों तक मदद पहुंचना अत्यंत महत्वपूर्ण है और समाज के हर व्यक्ति को इसमें सहयोग करना चाहिए।
संस्थाओं के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। ‘नयी संस्कृति सोसाइटी’ के अध्यक्ष विशाल कुमार ने कहा कि उनकी संस्था समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की मुस्कान के लिए प्रतिबद्ध है और इस ठंड में कोई भी बेसहारा न रहे, यही उनका लक्ष्य है। ‘संस्कार’ की सचिव सुभद्रा द्विवेदी ने कहा कि सामाजिक उत्थान उनकी संस्था का मूल मंत्र है और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाना ईश्वर की सेवा के समान है।
कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिन्होंने संस्थाओं के कार्यों की प्रशंसा की।





