
नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्रालय की सचिव, शिल्पी तिर्की ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योजना की वास्तविक सफलता का सबसे महत्वपूर्ण मापदंड किसानों की आय में वृद्धि होना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की सभी योजनाएं और पहल सीधे तौर पर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से ही बनाई जाती हैं। यदि इन योजनाओं के लागू होने के बाद किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होती है, तो उन्हें सफल नहीं माना जा सकता।
शिल्पी तिर्की ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृषि क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और लाखों लोग सीधे तौर पर इस पर निर्भर हैं। इसलिए, किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करना न केवल उनके व्यक्तिगत कल्याण के लिए बल्कि देश की समग्र आर्थिक प्रगति के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि मंत्रालय लगातार नई रणनीतियों और नवीन तरीकों पर काम कर रहा है ताकि किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से पहुंचे और उनकी आय में इजाफा हो सके।
उन्होंने कहा कि केवल राशि आवंटित करना या योजनाएं शुरू करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन और किसानों को मिलने वाले वास्तविक लाभ का मूल्यांकन करना अधिक महत्वपूर्ण है। कृषि उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने, बाजार तक बेहतर पहुंच प्रदान करने और विविधीकरण को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न उपायों के माध्यम से किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
अंत में, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन पर अधिक ध्यान केंद्रित करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि किसानों की आय में वृद्धि ही सफलता का एकमात्र पैमाना बना रहे। यह दृष्टिकोण न केवल सरकारी धन के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करेगा बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थायी विकास को भी बढ़ावा देगा।






