
रांची की जेल में कैदियों द्वारा कथित तौर पर की गई डांस पार्टी की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले की सुनवाई करते हुए, अदालत ने जेल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई और कैदियों की गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण रखने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने जेल में इस तरह की अनधिकृत गतिविधियों को अनुशासनहीनता का चरम बताया। इसने पूछा कि जेल परिसर के भीतर ऐसी गतिविधियां कैसे संभव हो सकती हैं, जबकि जेलों का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को सुधारना और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि जेल एक सुधार गृह है, न कि मनोरंजन का स्थान।
इस घटना की स्वतः संज्ञान लेते हुए, अदालत ने जेल आईजी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट में घटना के कारणों, जिम्मेदार अधिकारियों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों का उल्लेख होना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जेल प्रशासन इस मामले में उचित कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो अदालत स्वयं हस्तक्षेप करेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है कि जेलों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन हो। कैदियों के मनोरंजन के लिए अन्य कानूनी और उचित तरीके हो सकते हैं, लेकिन डांस पार्टी जैसी गतिविधियां न केवल कानून के विरुद्ध हैं, बल्कि जेल की समग्र व्यवस्था के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती हैं।





