
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राजस्थान और झारखंड के ग्रामीण स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए बड़ी पहल की है। 15वें वित्त आयोग के तहत, इन दोनों राज्यों के लिए 723 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है। पंचायती राज मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।
मंत्रालय के अनुसार, यह राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘अ theied’ (बिना शर्त) अनुदान की पहली किस्त के रूप में दी गई है। राजस्थान को 2025-26 के लिए 303.04 करोड़ रुपये मिले हैं। इससे राज्य की 24 जिला परिषदों, 339 ब्लॉक परिषदों और 3,857 ग्राम पंचायतों को लाभ होगा। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली और दूसरी किस्तों के रोके गए हिस्से से 145.24 करोड़ रुपये भी योग्य ग्रामीण स्थानीय निकायों को जारी किए गए हैं।
झारखंड के लिए, केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की ‘अ theied’ अनुदान की पहली किस्त के तौर पर 275.13 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह धनराशि राज्य की सभी 24 पात्र जिला परिषदों, 253 ब्लॉक परिषदों और 4,342 ग्राम पंचायतों में वितरित की जाएगी।
पंचायती राज मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर 15वें वित्त आयोग के अनुदानों की सिफारिश करता है, जिन्हें वित्त मंत्रालय द्वारा वितरित किया जाता है। ये अनुदान प्रत्येक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किए जाते हैं।
‘अ theied’ अनुदान का उपयोग ग्रामीण स्थानीय निकाय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों के तहत स्थानीय विकास आवश्यकताओं के लिए कर सकते हैं, जिसमें वेतन और स्थापना व्यय शामिल नहीं हैं। ‘Tied’ अनुदान स्वच्छता, खुले में शौच मुक्त स्थिति बनाए रखने, अपशिष्ट प्रबंधन, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के लिए आरक्षित होते हैं।
इससे पहले नवंबर में, केंद्र ने इसी वित्त आयोग के ढांचे के तहत असम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 223 करोड़ रुपये से अधिक और ओडिशा की पंचायतों के लिए 444.38 करोड़ रुपये जारी किए थे।





