झारखंड को नक्सलवाद और उग्रवाद से मुक्त करने के प्रयासों के तहत, सुरक्षा बल लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चला रहे हैं। इसी क्रम में, गुमला जिले की पुलिस ने कामडारा थाना क्षेत्र के पारही जंगल में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के कुख्यात नक्सली सुप्रीमो मार्टिन केरकेट्टा को मुठभेड़ में मार गिराया। मार्टिन केरकेट्टा पर झारखंड पुलिस ने 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। गुमला में हुई इस मुठभेड़ का नेतृत्व स्वयं जिले के एसपी, हारिश बिन जमा, बसिया एसडीपीओ और उनकी टीम ने किया। सूचना मिली थी कि पीएलएफआई का सुप्रीमो मार्टिन और उसके गिरोह के नक्सली पारही जंगल में छिपे हुए हैं। इसके बाद जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया गया।
मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में मार्टिन मारा गया, जबकि अन्य उग्रवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। कुछ नक्सलियों को गोली भी लगी है और वे घायल हैं। मुठभेड़ के बाद, गुमला पुलिस पूरे इलाके में घेराबंदी कर गहन तलाशी अभियान चला रही है क्योंकि मुठभेड़ के समय आधा दर्जन से अधिक नक्सली जंगल में मौजूद थे।
दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद, मार्टिन केरकेट्टा ही पीएलएफआई की कमान संभाल रहा था। वह पीएलएफआई के नाम पर दहशत फैलाते हुए कोयला व्यवसायियों, ठेकेदारों और व्यापारियों से लगातार लेवी वसूल रहा था। मार्टिन केरकेट्टा झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों बिहार, उड़ीसा, बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी संगठन का विस्तार कर रहा था और रंगदारी वसूलने के साथ कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा था।
मार्टिन पर गुमला के कामदारा इलाके में हुए नरसंहार में शामिल होने का भी आरोप था। हालांकि, वह पहले भी हुई मुठभेड़ में बच गया था। इससे पहले, गुमला पुलिस ने 26 जुलाई को घाघरा थाना क्षेत्र के लावादाग जंगल में दिलीप लोहरा सहित तीन नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। मारे गए तीनों नक्सली झारखंड जन्म मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) संगठन के थे, जिसमें दिलीप लोहरा सब-जोनल कमांडर था।