
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा गांव से वन विभाग की टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जो दुर्लभ वन्य जीवों की तस्करी में शामिल थे। आरोपियों पर पैंगोलिन की तस्करी का आरोप है। पुलिस ने इनके पास से 20-20 किलो के पैंगोलिन बरामद किए हैं, जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपये आंकी गई है। आरोपियों की पहचान साधु कालुंडिया, खेला मुर्मू, पिरू बान्डरा और गुरु दास के रूप में हुई है। ये सभी गुड़ाबांदा के रहने वाले हैं और एक संगठित गिरोह चलाते थे जो इस क्षेत्र के दुर्लभ वन्य जीवों का शिकार करता था। साधु कालुंडिया अपने घर में पैंगोलिन को छिपाकर रखता था, जिसके लिए उसे प्रतिदिन 500 रुपये मिलते थे। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 50 के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है। पैंगोलिन की तस्करी पूरे विश्व में होती है, क्योंकि इनकी मांस और शरीर के ऊपर वाली परत (स्केल) की मांग है। ऐसा माना जाता है कि ये स्केल अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में कारगर हैं। पैंगोलिन को शिकारी आसानी से शिकार बना सकते हैं, क्योंकि खतरे का आभास होने पर वे गेंद के आकार में बदल जाते हैं।




