
झारखंड में निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा मनमानी फीस वसूली पर अब लगाम लगेगी। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस संबंध में लाए गए विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। यह कदम छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत देगा, जो अक्सर निजी कॉलेजों की अत्यधिक फीस से परेशान रहते थे। इस नए कानून के लागू होने से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए फीस संरचना को नियंत्रित किया जाएगा।
विधेयक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निजी कॉलेज उचित शुल्क लें और किसी भी प्रकार की अतिरिक्त या अनुचित राशि वसूलने से बचें। सरकार ने छात्रों के हितों की रक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब निजी संस्थान बिना किसी वैध कारण के फीस में वृद्धि नहीं कर पाएंगे। इस विधेयक में फीस निर्धारण के लिए एक स्पष्ट दिशानिर्देश भी शामिल किया गया है, जिससे पारदर्शिता आएगी।
राज्यपाल की मंजूरी के बाद, यह विधेयक जल्द ही कानून का रूप ले लेगा। इससे प्रदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना अधिक सुलभ और किफायती हो जाएगा। कई अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे उनके बच्चों का भविष्य बेहतर होगा। यह कानून झारखंड में शैक्षिक सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।






