
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा से ही वनवासियों और आदिवासी भाई-बहनों के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रही है। आदिवासियों को वन अधिकार पट्टे के माध्यम से भूमि का मालिकाना हक देना, उनकी आजीविका को सुरक्षित करना और उन्हें सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेष जनजातीय उप-योजनाओं के तहत मिलने वाले बजट का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा ताकि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि किसी भी सूरत में आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उनकी संस्कृति, भाषा और परंपराओं का सम्मान करते हुए उनके विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। यह सरकार आदिवासियों के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित है।






