
मुख्यमंत्री ने समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया है। उनका मानना है कि किसी भी समाज की प्रगति तभी पूर्ण मानी जा सकती है जब उसके सबसे कमजोर वर्ग को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जाए। इस दिशा में सरकार विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से लगातार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता इस बात पर केंद्रित है कि समाज के हर सदस्य को समान अवसर मिलें और उनकी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग हो सके। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार पर विशेष जोर दिया जा रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए एक पारदर्शी और सुलभ तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया।
उन्होंने कहा कि केवल कागजों पर योजनाएं चलाना काफी नहीं है, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जरूरतमंदों को इसका वास्तविक लाभ मिले। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को अधिक जवाबदेह और सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। अंतिम व्यक्ति का सशक्तिकरण ही राष्ट्र निर्माण की सच्ची कुंजी है।





