
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार जनजातीय भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन अनमोल धरोहरों का सम्मान करना और उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विभिन्न जनजातीय समुदायों की अपनी अनूठी भाषाएं, परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध करते हैं। इन भाषाओं का लुप्त होना न केवल सांस्कृतिक क्षति है, बल्कि यह ज्ञान और इतिहास के एक महत्वपूर्ण स्रोत के खो जाने के समान है। इसलिए, सरकार जनजातीय भाषाओं को पुनर्जीवित करने, उनका दस्तावेजीकरण करने और उन्हें शिक्षा प्रणाली में एकीकृत करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, जनजातीय कला, संगीत, नृत्य और शिल्प को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न पहलों को शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इन प्रयासों से जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाने में मदद मिलेगी।






