
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चाईबासा सिविल सर्जन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कड़ी कार्रवाई के निर्देश के साथ ही संबंधित अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह निलंबन लापरवाही और कर्तव्य में कोताही के चलते किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और दोषी पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही तय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। चाईबासा सिविल सर्जन के निलंबन से यह स्पष्ट संदेश गया है कि सरकार जनहित के मुद्दों पर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और स्वास्थ्य सेवाएं आम जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचे। इस निलंबन के पीछे की वजहों की गहराई से पड़ताल की जा रही है, और जल्द ही और भी खुलासे होने की उम्मीद है। यह निलंबन स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम है।






