
केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विधानसभा में तीखी नोक-झोक हुई। विपक्ष ने सरकार पर राशि जारी करने में देरी और उपेक्षा का आरोप लगाया। इस पर सत्ता पक्ष के मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए समय ही नहीं मांगते, ऐसे में राशि कैसे जारी होगी?
विपक्ष ने जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया कि राज्य को केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि में विलंब हो रहा है, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है। विधायकों ने सवाल उठाया कि जब राज्य सरकार केंद्र से सहयोग की मांग कर रही है, तो उसे पर्याप्त सहायता क्यों नहीं मिल रही है। इस बहस के दौरान सदन का माहौल काफी गर्म रहा।
मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के पास समय की कमी रहती है, और विपक्ष को पहले उनसे मिलने का समय लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार तो विपक्ष द्वारा समय मांगने पर भी वे उपलब्ध नहीं हो पाते, जिससे बैठकों का आयोजन संभव नहीं हो पाता। यह बयान विपक्ष को नागवार गुजरा और उन्होंने इसे राज्य के हितों की अनदेखी करार दिया।
इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले लिया है। विपक्ष इस मामले को जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रहा है, जबकि सत्ता पक्ष अपनी सफाई पेश करने में जुटा है। केंद्रीय राशि का यह विवाद आने वाले दिनों में और गहरा सकता है।

.jpeg)



