
साहिबगंज के लाल अमन कुमार होली ने प्रतिष्ठित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से एम.ए. हिंदी साहित्य की उपाधि प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है। वाराणसी में आयोजित 105वें दीक्षांत समारोह में उन्हें यह महत्वपूर्ण डिग्री प्रदान की गई। यह उपलब्धि अमन की शिक्षा के प्रति लगन और हिंदी साहित्य में गहरी रुचि को दर्शाती है।
अमन की प्रारंभिक शिक्षा एन. आर. पी. सेंटर से शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने 2018 में पूर्व रेलवे उच्च विद्यालय, साहिबगंज से मैट्रिक की परीक्षा पास की। 2020 में साहिबगंज महाविद्यालय से बारहवीं (विज्ञान संकाय) पूरी करने के बाद, उन्होंने 2023 में हिंदी साहित्य में स्नातक की उपाधि हासिल की। बचपन से ही साहित्य में विशेष लगाव होने के कारण, अमन ने बीएचयू से स्नातकोत्तर करने का सपना देखा और सीयूईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर इसे साकार किया।
शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ, अमन ने यूजीसी नेट (असिस्टेंट प्रोफेसर) की परीक्षा तीन बार सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है। लेखन के क्षेत्र में भी उनकी विशेष प्रतिभा है। उन्होंने विभिन्न साहित्यिक मंचों पर अपनी कविताओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। उनकी वाराणसी पर आधारित उपन्यास ‘बनारसीपन’ और काव्य संग्रह ‘परंपरा से मुठभेड़’ जल्द ही प्रकाशित होने वाले हैं।
अमन का मानना है कि साहित्य, संगीत और कला व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे जीवन में सकारात्मकता लाते हैं और समाज सेवा के अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने युवाओं के बीच पुस्तक-पठन संस्कृति में आई कमी पर चिंता व्यक्त की, जहाँ युवा पीढ़ी गैजेट्स पर अधिक निर्भर हो रही है, जो उनकी रचनात्मकता और परिश्रम को प्रभावित कर रहा है।
अमन कुमार होली सामाजिक और राष्ट्रीय गतिविधियों में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कई कार्यक्रमों में अपने जिले का नेतृत्व किया है, जिनमें नेशनल इंटीग्रेशन कैंप, राष्ट्रीय युवा महोत्सव, गणतंत्र दिवस परेड (कर्तव्य पथ) में वाटर वॉरियर के रूप में नेतृत्व और भारतीय वन्यजीव संस्थान से बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन में गंगा प्रहरी स्पीयरहेड ट्रेनिंग शामिल हैं। अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने गुरुजनों, माता-पिता, बहनें और मित्रों को दिया है।






