
साल 2025 भारतीय राजनीति में उथल-पुथल वाला रहा, जिसमें कई महत्वपूर्ण चुनावी दांव-पेंच, कड़े विधायी फैसले और अप्रत्याशित राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिले। इस वर्ष ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया।
**दिल्ली में बीजेपी की वापसी:** दो दशकों से अधिक समय बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली में सत्ता में वापसी की। इस ऐतिहासिक जीत ने राष्ट्रीय राजधानी की राजनीतिक जमीन को नया आकार दिया और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया।
**एसआईआर विरोध प्रदर्शन:** मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभ्यास ने 2025 में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा का रूप ले लिया। इस प्रक्रिया के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसने संसद और राष्ट्रीय चर्चाओं पर गहरा प्रभाव डाला।
**बजट और 12 लाख की सीमा:** वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर न लगने की घोषणा की। वेतनभोगी करदाताओं के लिए, 75,000 रुपये के मानक कटौती के कारण यह सीमा प्रभावी रूप से 12.75 लाख रुपये तक बढ़ गई, जिससे व्यापक बहस छिड़ गई।
**प्रमुख विधेयक पारित:** 2025 में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों की नींव रखी। इनमें SHANTI Act, 2025, Repealing and Amending Bill, 2025, और मनरेगा को प्रतिस्थापित करने वाला Viksit Bharat–Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) (VB-G RAM G) Act, 2025 शामिल हैं।
**बिहार चुनाव:** बिहार चुनाव साल की सबसे बहुप्रतीक्षित राजनीतिक लड़ाइयों में से एक रहा। कड़े मुकाबले, बदलते गठबंधन और उच्च मतदाता टर्नआउट ने इस चुनाव को राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण बना दिया। अंततः, जद (यू) के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने कांग्रेस और राजद के महागठबंधन को हराया।
**ठाकरे परिवार का मिलन:** ठाकरे चचेरे भाइयों का पुनर्मिलन महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक मोड़ साबित हुआ। इसने आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों को बदलने की संभावना जगाई।
**’वोटर चोरी’ के आरोप:** कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई राज्यों में ‘वोटर चोरी’ की घटनाओं का आरोप लगाया, जिससे चुनाव आयोग और भाजपा के साथ तीखी बहस हुई।
**कर्नाटक सीएम की दौड़:** कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच कथित शक्ति संघर्ष की अटकलें पूरे वर्ष चर्चा में रहीं। एक ढाई साल के सीएम कार्यकाल के बाद सत्ता हस्तांतरण की खबरों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई।
**’ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस:** जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओजेके में नौ आतंकवादी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया। संसद के मानसून सत्र में इस ऑपरेशन और पाकिस्तान के साथ राजनयिक तनाव पर गरमागरम बहस हुई।



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