भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही एक महत्वपूर्ण वृद्धि होने वाली है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में 7.64 अरब डॉलर की एक बड़ी रक्षा खरीद योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत वायुसेना 110 ब्रह्मोस-ए एयर-लॉन्च सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें और 87 भारी-भरकम ड्रोन हासिल करेगी। इस सौदे से भारत की हवाई मारक क्षमता और रणनीतिक ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
ब्रह्मोस-ए का पहली बार युद्ध में इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में हुआ था। इस दौरान मिसाइल ने पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के महत्वपूर्ण एयरबेस और रनवे को सटीक निशाना बनाकर उन्हें पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया था। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने साबित कर दिया कि यह मिसाइल किसी भी हालात में दुश्मन की गहराई तक जाकर हमला कर सकती है।
ब्रह्मोस-ए, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एयर-लॉन्च संस्करण है जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस की NPO माशिनोस्त्रोयेनेया ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस के तहत मिलकर विकसित किया है। इसका नाम ब्रह्मपुत्र और मस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है।
इसकी गति मैक 2.8 से 3.0 तक है, यानी यह आवाज की गति से करीब तीन गुना तेज उड़ती है। यह 450 किमी से अधिक दूरी तक मार कर सकती है, जबकि विस्तारित संस्करण में इसकी रेंज 800 किमी तक हो सकती है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर काम करती है, यानी एक बार छोड़े जाने के बाद यह अपने लक्ष्य को खुद ट्रैक करके भेद देती है।
ब्रह्मोस-ए को भारतीय वायुसेना के सुखोई Su-30MKI लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जाता है। यह मिसाइल 200 से 300 किलो तक का हाई-एक्सप्लोसिव वारहेड ले जा सकती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 15 किमी की ऊंचाई पर भी उड़ सकती है और केवल 10 मीटर की ऊंचाई तक नीचे जाकर भी वार कर सकती है। कम रडार सिग्नेचर के कारण इसे ट्रैक करना और रोकना बेहद मुश्किल है।
इसकी क्षमता 450 से 800 किमी तक है। यह जमीन और समुद्र दोनों पर सटीक वार कर सकती है। किसी भी मौसम में ऑपरेशन की क्षमता है। दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की ताकत है।
इस सौदे से भारत की हवाई ताकत को एक नया आयाम मिलेगा। ब्रह्मोस-ए और भारी ड्रोनों का संयोजन भारत को रणनीतिक बढ़त देगा और आवश्यकता पड़ने पर लंबी दूरी से दुश्मन के ठिकानों को सटीक तरीके से ध्वस्त करने की क्षमता सुनिश्चित करेगा। भारतीय वायुसेना के पास न केवल हवा से हवा में, बल्कि हवा से जमीन और समुद्र पर भी घातक प्रहार करने का घातक हथियार होगा, जो किसी भी संभावित खतरे के लिए एक कड़ा संदेश है।